राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (National medical commission: NMC)
NMC की स्थापना राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम (NMC अधिनियम) 2019 के अंतर्गत की गई है जिसके द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अधिनियम 1956 को निरस्त कर दिया गया है
NMC की स्थापना राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम (NMC अधिनियम) 2019 के अंतर्गत की गई है जिसके द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अधिनियम 1956 को निरस्त कर दिया गया है
उच्चतम न्यायालय ने ‘टी. एस. आर. सुब्रमण्यम और अन्य बनाम भारत संघवाद’ में एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए राज्य सरकारों तथा को यह आदेश दिया कि वे एक सिविल सर्विसेज बोर्ड (Civil Services Board : CSB) का गठन करें। ताकि नौकरशाहों के स्थानांतरण (Transfer), पदोन्नति की प्रक्रम (Promotion Process), पदस्थापन (Posting), सजा (punishment), पुरस्कार (reward), जांच व अनुशासनात्मक कार्यवाही (Disciplinary Action) जैसे विषयों का बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सके। इस प्रकार इससे सरकारी कार्यों में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही निश्चित हो सकेगी।
Birbal Sahni was a renowned paleobotanist of India, who studied the fossils of
the Indian subcontinent. Also a great geologist, Sahni is credited for establishing the Birbal Sahni Institute of Palaeobotany at Lucknow in the state of Uttar Pradesh.
सुश्रुत जी प्राचीन भारत के प्रसिद्ध सर्जन वैद्य थे । उन्होनें प्लास्टिक सर्जरी की प्रौद्योगिकी की विधि संसार को दी । सुश्रुत को सर्जरी का पिता कहा जाता है । सुश्रुत संहिता उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है जो आज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में विभिन्न सर्जन के यन्त्र प्रयोग किये जाते हैं , उनमें से 124 प्रकार के यन्त्र सुश्रुत जी ने ही विकसित किये थे
ये भारतीय नागरिक ही हैं जो साधारण: भारत के बाहर निवास करता है और जिसके पास भारतीय पासपोर्ट है।
Anarchy – Absence of government, emphasized by realism in explaining the nonexistence of any overarching governing power in international politics Anomic group – An interest group with minimal organization Apolitical … Read More
अधिकतर लेखक और विचारक इस बात से भी सहमत हैं कि आचारशास्त्र का संबंध मुख्यत: मानंदडों और मूल्यों से है, न कि वस्तुस्थितियों के अध्ययन या खोज से और इन मानदंडों का प्रयोग न केवल व्यक्तिगत जीवन के विश्लेषण में किया जाना चाहिए वरन् सामाजिक जीवन के विश्लेषण में भी।
एलेक्सेई लवलनी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का धुर आलोचक माना जाता है। सरकार विरोधी प्रदर्शन के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। 2020 में उन्हें जहर दिया गया था, लेकिन वे बच गए। आरोप है की सरकारी अधिकारियों ने ऐसा किया, जबकि वे इसे नकारते आए हैं।
The Nobel Prize was set up when businessman Alfred Nobel died and left the majority of his fortune to the establishment of prizes in physics, chemistry, physiology or medicine, literature and peace.His will stated that the prizes should be awarded to those who shall have conferred the greatest benefit to humankind.
12 नवंबर 2020 को हमारे देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना को कोविड-19 काल से उभर रहे भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा उन सभी प्रतिष्ठानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी जो नई भर्तियां करेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है।
उद्देश्य (Objectives) फर्जी किसानों की पहचान करना पात्र किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना बिचौलिए को खत्म करना कृषि विभाग जुटा रही है किसानों का डाटा सरकार बिरसा किसान … Read More
एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार बहुत अच्छा विचार है। व्यापक जनहित में यह बहुत उपयोगी होगा। हालांकि, कुछ संवैधानिक बाधाएं हो सकती हैं।
किसी विशेष दिन सभी चुनाव कराने के लिए, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की शर्तों को इस तरह से संकलित किया जाना चाहिए कि चुनाव एक निश्चित समय के भीतर हो सकें। इसके लिए संवैधानिक संशोधनों की जरूरत होगी।
इकोटोन एक ऐसा क्षेत्र है जो दो पारिस्थितिक तंत्रों के बीच एक सीमा या संक्रमण के रूप में कार्य करता है। एक सामान्य उदाहरण एक नदी और उसके नदी तट … Read More
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को 144 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें-
इस नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा। निजी गाड़ी जहां 20 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी वहीं कमर्शियल गाड़ी के लिए यह समय सीमा 15 साल है।
भारत ने टोक्यो, जापान में 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया। COVID-19 महामारी के कारण खेलों को 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था (मूल रूप से यह 24 जुलाई से 9 अगस्त 2020 तक होने वाला था)। भारत 1920 के बाद से ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के हर संस्करण में दिखाई दिया है। हालांकि भारत ने पेरिस में 1900 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अपनी आधिकारिक शुरुआत की। भारत ने 2020 खेलों के लिए 126 प्रतियोगियों की अपनी अब तक की सबसे बड़ी टुकड़ी भेजी। आज तक, 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 1920 में अपनी पहली नियमित ओलंपिक उपस्थिति के बाद से भारत के लिए सबसे सफल खेल हैं। इसमें भारतीय ओलंपियन ने 7 पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य) जीते हैं। भारतीय दल ने रिकॉर्ड 69 प्रतियोगिताओं में भाग लिया और 18
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और इसके तहत होने वाले लेन-देन को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से पिछले सात वर्षों में कई क्रांतिकारी व युगान्तकारी कदम उठा चुके हैं। “ई-रुपया” डिजिटल पेमेंट सिस्टम उनमें से एक और बिल्कुल नया है। इसके लिए लोगों को इंटरनेट बैंकिंग या कार्ड आदि की जरूरत नहीं होगी। पीएम मोदी ने इसे लोगों तक सरकारी सेवाओं का फायदा पहुंचने के लिए लॉन्च किया है। यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है। ई-रुपया की लांचिंग से देश में डिजिटल पेमेंट्स में डिटिजल करेंसी को लेकर कितनी क्षमता है, इसका आकलन किया जा सकेगा।
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां संसद और विधान सभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व न के बराबर है । आम तौर पर हर समाज में महिलाओं की संख्या आबादी का आधा होती है । भले ही पिछले सालों में भारत में यह अनुपात गिरता गया हो, अभी भी उनकी संख्या 45 प्रतिशत से हर हाल में ज्यादा है । वहीं भारतीय संसद में महिलाओं का हिस्सा सिर्फ 11.4 प्रतिशत है ।
देश के प्रमुख धार्मिक समुदायों के ग्रंथों, रीति-रिवाज़ो और मान्यताओं के आधार पर बनाए गए व्यक्तिगत कानूनों के स्थान पर भारत के सभी नागरिकों के लिये एक समान संहिता बनाने को ही यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता कहते हैं। यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।
“औद्योगिक क्रांति” शब्द से अभिप्राय 17वीं से 20वीं सदी के बीच फैले विनिर्माण और प्रौद्योगिकी की दुनिया में प्रमुख विकास से है। हम जिस समय में जी रहे हैं उसमें और अधिक क्रांतियां देखी जा सकती हैं? 21वीं सदी की शुरुआत में तीसरी औद्योगिक क्रांति या उद्योग 3.0 देखी गई जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, इंटरनेट, नवीकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ मोबाइल और अन्य जुड़े उपकरणों का आगमन और उदय हुआ। इस चरण में उल्लेखनीय नवाचार हुए और आधुनिक विश्व के कार्य करने के तरीके में परिवर्तन आया।
कोरोना वायरस की महामारी के कारण वैश्विक स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है और अनेक लोगों के लिए लॉकडाउन नया ‘नियम’ बन गया है और अब यह धारणा तेजी से बन रही है कि आने वाले समय में जब तक कोरोना वायरस खत्म होगा तब तक दुनिया की सूरत हमेशा-हमेशा के लिए बदल जाएगी।
लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के इंस्टिट्यूट ऑफ़ ग्लोबल अफ़ेयर्स की सोफिया गैस्टन ने बीबीसी से कहा था की, “इस महामारी के वक़्त तमाम देशों से ये उम्मीद थी कि वो इसे साझा चुनौती मान कर आपस में सहयोग करेंगे, ताकि इस संकट का मुक़ाबला कर सकें। पर, हो ये रहा है कि तमाम देश अपने निजी हितों को तरज़ीह दे रहे हैं और सहयोग के बजाय एक दूसरे से होड़ में लग गए हैं। ” इस वक्तव्य में काफी हद तक सच्चाई है।
Q 1. Which of the following statements correctly explains the impact of Industrial Revolution on India during the first half of the nineteenth century? (a) Indian handicrafts were ruined. … Read More
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय (MINISTRY OF WOMEN & CHILD DEVELOPMENT) ने व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021 के लिए सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित कीं हैं। विधेयक (जिसे अब संसद में पेश किए जाने से पहले अनुमोदन के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा) में कहा गया है कि अवैध व्यापार के अपराधों की प्रकृति (nature of offenses) के साथ-साथ इन अपराधों के पीड़ितों की प्रकृति (victims of these offenses) के दायरे में वृद्धि हुई है, इसलिये आजीवन कारावास सहित कठोर दंड के साथ, और यहां तक कि चरम प्रकृति (Extreme Nature) के मामलों में मृत्युदंड का सुझाव दिया गया है।