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G.S. Paper -1
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Category: MPPCS
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सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय
फैसले ने विशाखा को कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए दिशा-निर्देश दिए।
इसने माना कि यौन उत्पीड़न महिलाओं की गरिमा और संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (1), और (2) का उल्लंघन है।
बाद में संसद ने “कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013” तैयार किया।
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जलवायु परिवर्तन- शब्दावली
प्राकृतिक या संशोधित पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा, संधारणीय प्रबंधन और पुनर्स्थापना हेतु किए गए कार्य यह कार्य सामाजिक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से और अनुकूल रूप से समाधान करते हैं साथ ही मानव कल्याण और जैव विविधता के लिए लाभ प्रदान करते हैं।
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एनएफटी (NFT) क्या है?
नॉन फंजिबल टोकन (NFT) एक यूनिक टोकन होता है, जो डिजिटल वैल्यू को जनरेट करते है। यह किसी भी फॉर्म (मूवी, डीवीडी, टीवी सीरीज) में मिल सकते है इसका हर … Read More
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सिविल सर्विसेज़ बोर्ड (Civil Services Board : CSB)
उच्चतम न्यायालय ने ‘टी. एस. आर. सुब्रमण्यम और अन्य बनाम भारत संघवाद’ में एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए राज्य सरकारों तथा को यह आदेश दिया कि वे एक सिविल सर्विसेज बोर्ड (Civil Services Board : CSB) का गठन करें। ताकि नौकरशाहों के स्थानांतरण (Transfer), पदोन्नति की प्रक्रम (Promotion Process), पदस्थापन (Posting), सजा (punishment), पुरस्कार (reward), जांच व अनुशासनात्मक कार्यवाही (Disciplinary Action) जैसे विषयों का बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सके। इस प्रकार इससे सरकारी कार्यों में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही निश्चित हो सकेगी।
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प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक
सुश्रुत जी प्राचीन भारत के प्रसिद्ध सर्जन वैद्य थे । उन्होनें प्लास्टिक सर्जरी की प्रौद्योगिकी की विधि संसार को दी । सुश्रुत को सर्जरी का पिता कहा जाता है । सुश्रुत संहिता उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है जो आज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में विभिन्न सर्जन के यन्त्र प्रयोग किये जाते हैं , उनमें से 124 प्रकार के यन्त्र सुश्रुत जी ने ही विकसित किये थे
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एनआरआई-ओसीआई-पीआईओ मे अंतर
ये भारतीय नागरिक ही हैं जो साधारण: भारत के बाहर निवास करता है और जिसके पास भारतीय पासपोर्ट है।
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संविधान का बुनियादी ढांचा (सिद्धांत)
भारतीय संविधान की मूल संरचना (या सिद्धांत), केवल संवैधानिक संशोधनों पर लागू होती है जो यह बताती है कि संसद, भारतीय संविधानके बुनियादी ढांचे को नष्ट या बदल नहीं सकती है।
संविधान की मूल संरचना (सिद्धांत) के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के कई महत्वपूर्ण निर्णय हैं।
संविधान की आधारभूत संरचना का तात्पर्य संविधान में निहित उन प्रावधानों से है, जो संविधान और भारतीय राजनीतिक और लोकतांत्रिक आदर्शों को प्रस्तुत करता है। संविधान के 24वें संशोधन पर विचार करते समय न्यायालय ने निर्णय दिया कि विधायिका अनु. 368 के तहत संविधान की मूल संरचना को नहीं बदल सकती।
संविधान, संसद और राज्य विधान मंडलों या विधानसभाओं को उनके संबंधित क्षेत्राधिकार के भीतर कानून बनाने का अधिकार देता है।
विभिन्न योजनाए
12 नवंबर 2020 को हमारे देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना को कोविड-19 काल से उभर रहे भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा उन सभी प्रतिष्ठानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी जो नई भर्तियां करेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है।
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एक राष्ट्र एक चुनाव
एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार बहुत अच्छा विचार है। व्यापक जनहित में यह बहुत उपयोगी होगा। हालांकि, कुछ संवैधानिक बाधाएं हो सकती हैं।
किसी विशेष दिन सभी चुनाव कराने के लिए, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की शर्तों को इस तरह से संकलित किया जाना चाहिए कि चुनाव एक निश्चित समय के भीतर हो सकें। इसके लिए संवैधानिक संशोधनों की जरूरत होगी।
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इकोटोन – परिभाषा, विशेषताएं और महत्व
इकोटोन एक ऐसा क्षेत्र है जो दो पारिस्थितिक तंत्रों के बीच एक सीमा या संक्रमण के रूप में कार्य करता है। एक सामान्य उदाहरण एक नदी और उसके नदी तट … Read More
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अक्षम वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी शुरू
इस नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा। निजी गाड़ी जहां 20 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी वहीं कमर्शियल गाड़ी के लिए यह समय सीमा 15 साल है।
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ई-रुपया डिजिटल भुगतान (e-Rupi Digital Payment)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और इसके तहत होने वाले लेन-देन को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से पिछले सात वर्षों में कई क्रांतिकारी व युगान्तकारी कदम उठा चुके हैं। “ई-रुपया” डिजिटल पेमेंट सिस्टम उनमें से एक और बिल्कुल नया है। इसके लिए लोगों को इंटरनेट बैंकिंग या कार्ड आदि की जरूरत नहीं होगी। पीएम मोदी ने इसे लोगों तक सरकारी सेवाओं का फायदा पहुंचने के लिए लॉन्च किया है। यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है। ई-रुपया की लांचिंग से देश में डिजिटल पेमेंट्स में डिटिजल करेंसी को लेकर कितनी क्षमता है, इसका आकलन किया जा सकेगा।
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भारत में महिला आरक्षण का मुद्दा और इसके विभिन्न आयाम
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां संसद और विधान सभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व न के बराबर है । आम तौर पर हर समाज में महिलाओं की संख्या आबादी का आधा होती है । भले ही पिछले सालों में भारत में यह अनुपात गिरता गया हो, अभी भी उनकी संख्या 45 प्रतिशत से हर हाल में ज्यादा है । वहीं भारतीय संसद में महिलाओं का हिस्सा सिर्फ 11.4 प्रतिशत है ।